हर कोई मिलना चाहता हैं,





हर कोई मिलना चाहता हैं,
 की सी आपने से,
पर समय,
 की सी को भी,
 मिलाने नहीं देता,
 वक्त से पहले।




                     
             वक्त की ही तो मेहरबानी थी
             की जिस ने हमे मिलाया।
               अजीब दस्ता हैं वक्त की,
               बिछडों को मिलता हैं
             और मिले हुए को बिछड़ता हैं।  

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